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रितेश पांडे का गरीबी गाना को एक मिलियन का प्यार

भोजपुरी सुपरस्टार व पॉपुलर सिंगर रितेश पांडे का रुला देने वाला सैड सांग गरीबी रिलीज होते ही वायरल हो गया है। इस गाने को यूट्यूब पर एक मिलियन से अधिक व्यूज मिला है। यह गाना रिद्धि म्यूजिक वर्ल्ड म्यूजिक कंपनी के यूट्यूब चैनल से रिलीज किया गया है। जिसे सुनकर सभी की आँखे भर आती है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही उनकी करुण स्वर में एक सैड सांग ‘याद’ रिलीज़ किया गया था, जिसे अपार सफलता मिली है और आज भी उस गाने को सुना जा रहा है। इसी बीच उन्होंने एक बार फिर एक दर्द भरा गाना लेकर हमारे सामने आये हैं, जो आज के दौर में गुजर रहे गरीबी के बारे में है। इस गाने में इतना दर्द छुपा है कि लोग खुद को रोने से नहीं रोक पा रहे हैं। गाने के वीडियो में गरीबी को इस तरह प्रदर्शित किया गया है कि देखने वाले की रूह काँप उठती है। उन्होंने इस गाने में लॉक डाउन में हो रहे परेशानियों का जिक्र किया गया है और साथ ही ये भी बताया गया है कि किस तरह गरीबी में जीना श्राप लगता है। किस तरह लोग अपनी गरीबी के कारण अपने बच्चे और अपने परिवार का ठीक से भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें एक वक्त की सुखी रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है। साथ ही उन्होंने गाने में इस बात पर भी जोर दिया है कि इस गरीबी की स्थिति में कोई करीबी भी नहीं होता है। रितेश पांडे का करुण स्वर में गाया हुआ दिल द्रवित करने वाला यह सैड सांग गरीबी के गीतकार आर आर पंकज हैं। संगीतकार आशीष वर्मा हैं। वीडियो निर्देशक आशीष यादव, दीपक सिंह हैं। डीओपी बिरमल सिंह हैं।
आपको बता दें कि रितेश पांडे इस दर्द भरे गाने को लोगों ने बेहद पसंद किया है और उन्हें तहेदिल से आशीर्वाद दे रहे हैं कि रितेश पांडे गीत के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं और गरीबों व जरूरमंदों की मदद करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। जिस तरह से अपनी रोती हुयी आवाज में इस गाने को पेश किये है देखने से ऐसा लग रहा है जैसे वे खुद ही इस दौर से गुजरे रहे हैं। गाने को इतने सुन्दर तरीके से पेश किया गया है कि कोई भी इनके इस गाने को देखकर रो देगा। उन्होंने इस गाने को दिल से गरीबी को महसूस करके गाया है। उन्होंने अपील किया है कि आप लोग अपने आस पास गौर से देखें और जरूरतमंद लोगों की मदद करें। ताकि लॉक डाउन में कोई भूख के कारण न मरे। आप घर पर रहें, सुरक्षित रहे और ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद करें।

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