शिवम खजुरिया, जो अपनी दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस और गहराई से भरे भावनात्मक अभिनय के लिए पहचाने जाते हैं, आज टेलीविजन के सबसे होनहार युवा कलाकारों में से एक के रूप में उभर चुके हैं। इन दिनों वो लोकप्रिय शो अनुपमा में नजर आ रहे हैं। इस खास बातचीत में शिवम ने अपने अब तक के सफर, अपने पसंदीदा किरदारों और शोहरत के दबाव के बीच संतुलन बनाए रखने के तरीकों पर खुलकर बात की।
टेलीविजन इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों से ही शिवम ने खुद को निखारने और सीमाओं को पार करने की कोशिश की है। वो कहते हैं, “हर रोल के साथ कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूं। समय के साथ मेरी कला में बदलाव आया है, लेकिन सबसे बड़ा बदलाव अंदरूनी रहा है — किरदारों की मानसिकता को गहराई से समझना।” चाहे वो उनके शुरुआती डेली सोप्स के गंभीर किरदार रहे हों या हाल के दिनों के ज्यादा भावुक और सूक्ष्म अभिनय, शिवम का अपने पात्रों से जुड़ाव हर बार गहराता गया है।
जब उनसे उनके दिल के सबसे करीब किरदार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया, “मैंने टीवी शो मोलक्की, मन सुंदर, वेब सीरीज़ एस्केप लाइव और मॉडर्न लव मुंबई किए हैं। सभी अनुभव बेहद खास रहे हैं। मैं इन्हें कोई मील का पत्थर नहीं कहूंगा, क्योंकि मुझे लगता है कि अभी मुझसे बहुत कुछ आना बाकी है। लेकिन हां, सलमान खान के साथ एक ऐड में काम करना वाकई सुखद अनुभव था।”
हालांकि शिवम यह भी मानते हैं कि अनुपमा ने उन्हें एक नई चुनौती दी है और उनके रचनात्मक विकास को एक नया आयाम दिया है।
किस तरह के सीन उन्हें सबसे ज्यादा पसंद हैं, इस पर शिवम कहते हैं, “मुझे उन दृश्यों में परफॉर्म करना सबसे अच्छा लगता है जहां भावनाएं चरम पर होती हैं। जब सब कुछ दांव पर लगा हो — जब किरदार टूट रहा हो या खुद को किसी तरह संभाले हुए हो — वो पल मुझे अंदर से कुछ खोजना और बाहर लाना सिखाते हैं। साथ ही मुझे स्लैपस्टिक कॉमेडी भी बहुत पसंद है। उसकी टाइमिंग, एनर्जी और मस्ती — ये सब कुछ बिल्कुल अलग होता है, और दोनों के बीच स्विच करना मुझे बहुत अच्छा लगता है।”
गर्मी से निपटने के अपने फॉर्मूले पर शिवम बताते हैं, “हाइड्रेशन सबसे जरूरी है! नारियल पानी, फल और जब भी संभव हो तो घर के अंदर रहना — यही है मेरी समर टिप्स। आउटडोर शूटिंग मुश्किल हो सकती है, लेकिन आप धीरे-धीरे ढल जाते हैं और अपनी केयर करना सीखते हैं।”
कभी-कभी व्यस्त शेड्यूल के बीच भी शिवम खुद को शांत रखने का तरीका ढूंढ़ लेते हैं। “मुझे प्रकृति के बीच समय बिताना अच्छा लगता है — छोटी-सी ड्राइव या वॉक भी बहुत सुकून देती है। म्यूजिक भी मेरे लिए बहुत मददगार होता है।” शूटिंग के समय के अलावा उन्हें थ्रिलर शो देखना और अपने करीबियों के साथ वक्त बिताना बेहद पसंद है।
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शिवम के लिए एक्टिंग एक पेशा नहीं, बल्कि एक आत्मिक जुड़ाव है। “मुझे यह पसंद है कि अभिनय मुझे कई ज़िंदगियाँ जीने का मौका देता है। हर किरदार कुछ न कुछ सिखाता है, और ये खोज का सफर जादुई है। जब दर्शक आपके किरदार के साथ महसूस करने लगें, तो उससे बड़ी खुशी कोई नहीं।”
टेलीविजन के उतार-चढ़ावों पर शिवम ने साफ़गोई से जवाब दिया, “सबसे अच्छी और सबसे कठिन बात है सीमित तैयारी का समय। ये अच्छा है क्योंकि इससे आप दबाव में भी बेहतरीन परफॉर्म करना सीखते हैं, लेकिन लगातार शूटिंग से थकावट भी हो जाती है।”