मेरे लिए स्वास्थ्य का ध्यान रखना पहली प्राथमिकता है: श्रीकांत द्विवेदी - Manoranjan Metro

Taking care of my health is my first priority Shrikant Dwivedi - Manoranjan Metro

अभिनेता श्रीकांत द्विवेदी के लिए स्वास्थ्य सबसे पहले आता है। हाल ही में उन्हें शो लक्ष्मी नारायण में लीड रोल निभाते देखा गया था, और इस समय वे पौराणिक शो शिव शक्ति - तप त्याग तांडव में भगवान विष्णु की भूमिका निभा रहे हैं। श्रीकांत बताते हैं कि वे अपनी दिनचर्या में फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी डाइट को ज़रूर शामिल करते हैं।

वे कहते हैं, “अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए मैं इसे प्राथमिकता देने की कोशिश करता हूं। फिट रहने के लिए मैं जिम जाता हूं, रनिंग करता हूं, या अगर जिम बंद हो तो घर पर ही बेसिक एक्सरसाइज़ कर लेता हूं। कभी-कभी शूटिंग शेड्यूल बहुत व्यस्त होता है, तो मैं सेट पर ही एक्सरसाइज़ के लिए थोड़ी सी जगह बना लेता हूं। दूसरी अहम बात है हेल्दी खाना। मैं कोशिश करता हूं कि पोषण से भरपूर, प्रोटीन रिच खाना खाऊं। जंक फूड से जितना हो सके, दूरी बनाकर रखता हूं, लेकिन कभी-कभी क्रेविंग हो ही जाती है। हफ्ते में एक बार या दो हफ्तों में एक बार मैं खुद को थोड़ा बहुत जंक फूड खाने की छूट देता हूं। लेकिन सामान्यतः मैं इस बात का ध्यान रखता हूं कि मेरा खानपान हेल्दी हो।”

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वे आगे कहते हैं, “मैंने हाल ही में कहीं पढ़ा कि जब हम स्वस्थ होते हैं, तो काम का प्रेशर, डेडलाइंस और प्रतिस्पर्धा जैसी चीजों को ज़्यादा प्राथमिकता देते हैं। उस वक्त हमें अपनी सेहत की उतनी परवाह नहीं होती। लेकिन जैसे ही कोई हेल्थ इश्यू आता है, बाकी सब पीछे छूट जाता है और सेहत सबसे ज़्यादा अहम हो जाती है। इसलिए मुझे लगता है कि सेहत का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। अगर हम स्वस्थ हैं, तभी ज़िंदगी की बाकी चीजें—काम, सफलता, सबकुछ सही दिशा में चलता है।”

श्रीकांत मानते हैं कि हर किसी को कभी-कभी ब्रेक लेना ज़रूरी होता है। वे कहते हैं, “इस तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हमें थोड़ी देर रुकने की ज़रूरत है। बैठना, साँस लेना और ज़िंदगी को थोड़ा आसान लेना भी ज़रूरी है। मैं मानता हूं कि हम जिन 80 से 90 प्रतिशत समस्याओं का सामना करते हैं, वे असल में हमारे मन की उपज होती हैं, वे हकीकत में घटित ही नहीं हो रही होतीं। लोग अक्सर सोचते हैं, ‘अगर ऐसा हो गया तो?’ और उसी सोच से तनाव पैदा होता है। और मैं कोई उपदेश नहीं दे रहा, मैं खुद भी यही सब झेलता हूं। कई बार मैं भी उन बातों को लेकर ओवरथिंक करता हूं जो अभी हुई ही नहीं हैं। इसलिए रुकना, आराम करना और बस गहरी साँस लेना बहुत ज़रूरी है। एक दिन का ब्रेक लेना, कुछ न करना, परिवार के साथ समय बिताना—ये सब मन को शांत और शरीर को संतुलित रखने में बहुत मदद करता है। और हां, हमें अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी ज़रूर शामिल करनी चाहिए, चाहे वह योगा हो, जिम हो, दौड़ना हो या जो भी हमारे लिए सबसे बेहतर हो।”

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