Home BOLLYWOOD फोन आज की सबसे बड़ी महामारी है: नमिता लाल

फोन आज की सबसे बड़ी महामारी है: नमिता लाल

by team metro

प्रसिद्ध अभिनेत्री नमिता लाल, जो लिहाफ, फुटबॉल – द गोल और ऑक्सीजन जैसी परियोजनाओं के लिए जानी जाती हैं और जल्द ही इन गलियों में में नजर आएंगी, ने हाल ही में अपने लंदन दौरे का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि लोगों के आपसी संवाद में काफी बदलाव आया है। पहले लोग आपस में बात किया करते थे, लेकिन इस बार सभी अपने फोन में व्यस्त नजर आए।

नमिता कहती हैं, “मुझे लगता है कि फोन आज की सबसे बड़ी महामारी है जिसका मानवता सामना कर रही है। यह अविश्वसनीय है कि चीजें कैसे बदल गई हैं। लगभग 25 साल पहले मैं काम के सिलसिले में लंदन गई थी, तब लोग एक-दूसरे को गुड मॉर्निंग कहते थे, मुस्कुराते थे, किताबें और अखबार पढ़ते थे। माहौल में एक अलग सी जीवंतता थी। लेकिन इस बार जब मैं वहां गई और ट्यूब में सफर कर रही थी, तो देखा कि हर कोई अपने फोन में डूबा हुआ था। माहौल बेहद उदासीन था। और यही स्थिति हर जगह है – चाहे वह हवाई जहाज हो, ट्रेन हो, डिनर हो या रेस्तरां। यह सच में एक महामारी बन चुकी है।”

नमिता ने यह भी बताया कि वह अब अपने फोन के प्रति अनुशासन बना रही हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव किए हैं। उठने के बाद कम से कम एक घंटे तक फोन को हाथ नहीं लगाती। रात 9 बजे के बाद फोन को स्लीप मोड पर कर देती हूं। दोस्तों और परिवार से रात 8:30 बजे तक ही शुभ रात्रि कह देती हूं, ताकि सोने से पहले मुझे किताबें पढ़ने का समय मिल सके।”

इस साल का इरादा है कि ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ें। उन्होंने कहा, “मैंने अपने लिए एक पढ़ने का कोना बना लिया है, जहां मेरा फोन नहीं होता। मैंने सभी नोटिफिकेशन भी बंद कर दिए हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “जब फोन पर बार-बार नोटिफिकेशन नहीं आते, तो उसे बार-बार चेक करने का प्रलोभन भी कम हो जाता है। यह एक अच्छा तरीका है, अगर कोई हैक है तो – कोई नोटिफिकेशन न आने दें।”

हालांकि, नमिता यह भी मानती हैं कि फोन के बिना जीवन अब संभव नहीं है क्योंकि इसमें हमारे सभी डेटा होते हैं। उन्होंने कहा, “अगर कोई ऐसी चीज है जिसे मैं घर से बाहर जाते समय कभी नहीं छोड़ती या खो जाने पर घबरा जाती हूं, तो वह मेरा फोन है। इसका कारण यह है कि इसमें हमारे बैंकिंग, पेमेंट्स और संपर्कों से जुड़ी सभी जानकारी होती है।”

उन्होंने यह भी बताया कि फोन नंबर याद रखना अब मुश्किल हो गया है। “पुराने दिनों में हम 20-30 फोन नंबर तो याद कर ही लेते थे, लेकिन अब बमुश्किल कुछ ही नंबर याद रख पाते हैं।”

नमिता ने यह भी बताया कि आजकल फोन के कारण लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। यदि कॉल या संदेश का उत्तर समय पर न मिले, तो लोग बुरा मान जाते हैं। उन्होंने कहा कि लोग अब वास्तविक संपर्कों से ज्यादा वर्चुअल कनेक्शन में खोए रहते हैं।

“यह बहुत ही अजीब बात है कि बात करने के बजाय हम सिर्फ लिखते हैं। लिखते समय शब्दों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है। एक बार लिख देने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता और इसका गलत मतलब भी लगाया जा सकता है। इसलिए मैं जब भी कर सकती हूं, फोन उठाकर लोगों से बात करती हूं। आजकल मैं ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ रही हूं और फोन से दूर रहने की कोशिश कर रही हूं,” उन्होंने कहा।

नमिता ने फोन के कुछ सकारात्मक पहलुओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “फोन ने लोगों के लिए बहुत सारा कंटेंट तैयार किया है और सभी इसे देख रहे हैं। यह कंटेंट उद्योग के लिए मददगार है, खासकर छोटे फिल्म निर्माताओं के लिए। अगर सिर्फ सिनेमा और थिएटर ही होते, तो छोटी फिल्मों का निर्माण और उनके दर्शक पाना मुश्किल होता।”

उन्होंने यह भी कहा, “पुराने दोस्तों से जुड़ने में भी मदद मिलती है। लोग परिवार और दोस्तों की तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जिससे जुड़े रहने का अहसास होता है। लेकिन हमें इसका उपयोग सीमित रखना चाहिए। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है कि यह एक महामारी बन जाए।”

अंत में नमिता ने कहा कि हमें फोन का उपयोग नियंत्रित करना चाहिए और वास्तविक दुनिया से जुड़े रहने का प्रयास करना चाहिए।

Related Videos

Leave a Comment