ज्योतिषी, न्यूमरोलॉजिस्ट, ग्राफोलॉजिस्ट, वास्तु सलाहकार, एनएलपी विशेषज्ञ और हीलर डॉ. नवनिधि के वाधवा ने की खास बातचीत।
कोरोना वायरस महामारी से देश हलकान है। ज्योतिष के क्षेत्र में पहले ही इस परिस्थिति को लेकर भविष्यवाणियां की गई थीं। खासतौर पर अप्रैल महीने को बेहद खतरनाक बताया गया था, जिसका असर दिखा भी। अब ज्योतिष जगत से एक राहत वाली खबर आ रही है। ग्रह-नक्षत्र व नंबर्स आधारित गणना के अनुसार बताया जा रहा है कि इस महीने के आखिर से कोरोना महामारी को लेकर व्याप्त समस्या से समाज को थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि खतरा अभी टला नहीं है। ज्योतिष विज्ञान की जानकार डॉ। नवनिधि के वाधवा ने इस बारे में हरिभूमि से विस्तार से बातचीत की। उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात को लेकर ज्योतिष शास्त्र में पहले ही…
भविष्यवाणियां की गई थीं। ज्योतिषी, न्यूमरोलॉजिस्ट, ग्राफोलॉजिस्ट, वास्तु सलाहकार, एनएलपी विशेषज्ञ और हीलर डॉ. नवनिधि के वाधवा ने बताया कि साल 2020 का योग चार है। नंबर चार राहु का सहायक है। राहु अस्थिरता, भय पैदा करता है। इसमें किसी को भी अनदेखी चीजों को लेकर भय लगा करता है। हम किसी ऐसी चीज से डर रहे होते हैं, जिसको हम देख नहीं सकते। दरअसल, कोरोना का अंक 2 है दो चंद्र का सहायक है। चंद्र का आशय ठंड से है। इसमें लोगों को ई एंड टी यानी आंख, कान, नाक, गला की समस्याएं ज्यादा होती हैं। इस खतरे से निपटने के लिए फिलहाल सावधानी बरतना ही सबसे आवश्यक हैं
इस कठिन घड़ी में डॉ. नवनिधि के वाधवा जैसे लोग समाज को अपनी जानकारी से ना केवल जागरुक कर रहे हैं, बल्कि आगे बढ़कर लोगों की मदद भी कर रहे हैं। नवनिधि के अनुसार उन्होंने अन्नपूर्ति के नाम से एक फूड ड्राइव भी शुरू की है। इसके तहत हर रोज 11 मजदूरों को रोजाना खाना खिलाया जा रहा है। यही नहीं मौजूदा समय में लोगों में नौकरियों व दूसरी चीजों को लेकर लगातार चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। ऐसे में डॉ. नवनिधि ने Inner Ziva नाम से अपना एक साधना केंद्र भी शुरू किया है। इसमें वो लोगों को ध्यान लगाने व अन्य अध्यात्मिक तरीके से तनाव आदि से बचने के तरीके सिखाने पर जोर दिया जाता है।
राजस्थान के गंगानगर के पास की छोटी सी जगह पर जन्मी, मथुरा व दिल्ली से पढ़ाई करने और अपनी जीवन में तमाम संघर्षों से गुजरती हुई डॉ. नवनिधि के वाधवा अब लोगों की जिंदगी सुधारने की दिशा में काम कर रही हैं। शुरुआती दिनों में हिन्दी मीडियम से पढ़ने को लेकर टीका-टिप्पणी का सामना करना पड़ा. यहां तक बॉडी शेमिंग का भी शिकार होना पड़ा। यहां तक जब उनकी दूसरी बेटी ने जन्म लिया उस वक्त की गई दवाइयों को साइड इफेक्ट के चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
यहां तक कि एक समय ऐसा आया था जब डॉक्टर्स ने उन्हें कह दिया था कि उनका इलाज नहीं हो पाएगा। इसके बाद उन्होंने ध्यान, योग आदि के जरिए खुद को ना केवल ठीक किया बल्कि इसके बाद लंदन और अमेरिका से उन्होंने शिक्षा ली और पूरी तरह से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन करने की ओर बढ़ गई हैं। इसी दरम्यान वो मिसेज इंडिया, मिसेज एशिया और मिसेज यूनिवर्स में ना केवल प्रतिभागी रहीं, बल्कि उन्होंने मिसेज यूनिवर्स का क्राउन भी जीता। उन्होंने हाल ही में अपना 50 हजार रुपये में कराया जाने वाला सात दिनी कोर्स महज 500 की फीस में शुरू किया है ताकि वो लोगों को सही दिशा में अग्रसर कर सकें।