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एक्टर्स ने मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने से जुड़ीं अपनी सबसे प्यारी यादें ताज़ा कीं

मकर संक्रांति को पतंगों का त्यौहार भी कहा जाता है, जिसे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लोग पतंग उड़ाते हैं और बसंत ऋतु का स्वागत करते हैं। इस साल एण्डटीवी के कलाकार आयुध भानुशाली (कृष्णा, ‘दूसरी माँ’), योगेश त्रिपाठी (दरोगा हप्पू सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) इस शुभ अवसर पर पतंग उड़ाने के अपने अनुभवों और यादों के बारे में बता रहे हैं। एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ में कृष्णा की भूमिका निभा रहे आयुध भानुशाली ने कहा, ‘‘मैं एक गुजराती परिवार से हूँ और हम बड़ी उत्सुकता से मकर संक्रांति का इंतजार करते हैं, जिसे गुजरात में उत्तरायण भी कहा जाता है। इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण है ‘‘पतंगबाज़ी’’, जिसमें पतंग के मांझे में खुरदुरी चीजें मिलाई जाती हैं, ताकि दूसरों की पतंगें काटी जा सकें। मेरा कज़िन और मैं हर साल छत पर जाकर अपने पड़ोसियों के साथ पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता करते हैं। जब मैं बहुत छोटा था, तब मेरी माँ मुझे पतंग नहीं उड़ाने देती थी, क्योंकि तेज मांझे से मुझे चोट लग सकती थी। वह मांझे की जगह सादा धागा रखती थीं और मेरी पतंग हमेशा मांझे वाली पतंगों से कट जाती थी। मेरे पड़ोसी हर साल मुझे यह कहकर चिढ़ाते थे कि ‘‘इस बार भी तेरी पतंग नहीं उड़ने वाली।’’ कई साल की प्रैक्टिस के बाद, पिछले साल मैंने उन्हें पतंग लड़ाने की चुनौती दी और कुछ ही मिनटों में उनकी पतंगें काट दीं। वह मजेदार अनुभव था और अब मुझे कोई नहीं चिढ़ाता है, क्योंकि मैं पतंग उड़ाने में माहिर हो गया हूँ (हंसते हैं)। इसके अलावा, गुजरात में उत्तरायण की तैयारियाँ दिसंबर से ही शुरू हो जाती हैं। लोग पकवानों का मजा लेना शुरू कर देते हैं, जैसे कि उंधियु, जो सर्दी की सब्जियों के पके हुए मिश्रण से बनता है; तिल, मूंगफली और गुड़ से बनी चिक्की और इस दिन खाई जाने वाली त्यौहार की दूसरी खास रेसिपीज। मैं सभी को मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूँ।’’

एण्डटीवी के शो ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दरोगा हप्पू सिंह बने योगेश त्रिपाठी ने कहा, ‘‘मकर संक्रांति पर तो पूरे भारत में पतंग उड़ाई जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह हमेशा होता रहता है। आप पूरे साल आसमान में उड़ती रंगीन पतंगें और अपनी छतों पर ऐसा करने में ज्यादातर वक्त बिताते हुए बच्चे देख सकते हैं। मैं भी अलग नहीं था। मकर संक्रांति से दो सप्ताह पहले, मैं अपने दोस्तों के साथ खूब सारी पतंगें खरीदता था और हम पूरे दिन अपनी छतों पर पतंगें उड़ाते थे। सबसे यादगार पल वे हैं, जब हम दूसरों की पतंगें काटते थे और कटी हुई पतंगों को पकड़ने के लिये एक छत से दूसरी छत तक दौड़ लगाते थे और अपना-अपना कलेक्शन बढ़ाते थे (हंसते हैं)। मुझे अब भी याद है जब मैं एक पतंग के पीछे भागते हुए गिर गया था और मेरा पूरा परिवार मुझ पर बहुत नाराज और गुस्सा हुआ। मेरे होमटाउन में अब भी मेरी कुछ पतंगें रखी हैं। यह सचमुच मेरे फेवरेट त्यौहारों में से एक है। उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति बेहद भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। कई लोग गंगा के घाटों पर जाकर स्नान करते हैं और फिर दही-चूड़ा खाकर दिन की शुरूआत करते हैं। हरी मटर, चावल और मौसमी सब्जियों से एक खास खिचड़ी बनाई जाती है, जो बड़ी स्वादिष्ट लगती है। मैं पूरे साल इस खिचड़ी को खाने का इंतजार करता हूँ। सभी को मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएं।’’ एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी की भूमिका निभा रहीं शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘मकर संक्रांति पर मेरा पूरा परिवार मेरे होमटाउन इंदौर में इकट्ठा हो जाता है। इस त्यौहार के लिये हम एक खास पकवान बनाते हैं, जिसे संक्रांत भोज कहते हैं। हम गरीबों को तिल-गुड़ के लड्डू, फल, सूखी खिचड़ी, आदि भी बांटते हैं। मुझे पतंग उड़ाना भी बहुत अच्छा लगता है। हम एक छोटी-सी प्रतियोगिता करते हैं, जिसमें सब एक साथ होते हैं और बड़ा मजा आता है। उस वक्त कम से कम एक कटी पतंग मेरी छत पर जरूर आती है। जब भी कोई पतंग कटती है, वह जमीन की ओर गिरती है और मैं अपने दोस्तों के साथ उसे पकड़ने के लिये बच्चों की तरह दौड़ती हूँ। हम कटी पतंगों को ठीक करने की कोशिश में भी घंटों बिता देते हैं, इस उम्मीद के साथ कि वह एक बार फिर उड़ेगी और आसमान की दूसरी पतंगों को चुनौती देगी। हमारे लिये पतंग खोई हुई चमक को फिर से पाने की प्रेरणा और उम्मीद बन जाती है। मकर संक्रांति का पूरा माहौल मेरे दिल को खुशी से भर देता है। मैं सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देती हूँ!’’

देखिये ‘दूसरी माँ’ रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं’ रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर!

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