Manoranjan Metro | मनोरंजन मेट्रो

‘औरत की मर्ज़ी’ के जरिए एक टीवी शो महिलाओं की पसंद को सशक्त बनाने का दे रहा है संदेश

AddThis Website Tools

मुंबई। औरत की मर्जी (एक महिला की सहमति या पसंद) जैसे वैकल्पिक नैरेटिव के जरिए लोकप्रिय टेलीविजन शो ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’परिवार नियोजन के फैसले में महिलाओं के अधिकार के महत्व को उजागर कर रहा है और दंपत्तिके बीच बातचीत को प्रोत्साहित कर रहा है। शो ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा परिवार नियोजन और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और व्यवहार में बदलाव लाने के लिए एक पहल है।

A TV show gives an empowering call for women’s choice through ‘Aurat Ki Marzi’ (1)

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि आठ में से तीन भारतीय पुरुष मानते हैं कि गर्भनिरोधक एक महिला की ज़िम्मेदारी है। परिवार नियोजन का भार महिलाओं पर पड़ता हैऔर समाज में प्रचलित सामाजिक मानदंडों के तहाता, महिलाओं के पास प्रजनन निर्णय नहीं होते हैं। परिवार और समाज के भीतर रवैये में बदलाव महिलाओं के प्रजनन संबंधी फैसलों में समान महत्व देगा, मसलन कब और कितने बच्चे हों। “औरत की मर्जी” की अवधारणा एक महिला की पसंद और गरिमा को बढ़ाने में योगदान करती हैऔर उन्हें अपने जीवन के बारे में मजबूत निर्णय लेने में सक्षम बनाती है।

A TV show gives an empowering call for women’s choice through ‘Aurat Ki Marzi’ (1)

उदाहरण के लिए, शो में औरत की मर्जी का इस्तेमाल इंजेक्टेबल गर्भ निरोधकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है, जो महिलाओं को स्वतंत्रता प्रदान करती है, क्योंकि इसका प्रत्येक खुराक उन्हें तीन महीने तक अवांछित गर्भधारण से बचाता है। पहले भी ‘औरत की मर्जी का दिन’ का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें किसी एक खास दिन महिलाएं घरेलू कामों से मुक्त होती हैं और पुरुषों को घर और बच्चों की देखभाल करना होता है। पूनम मुत्तरेजा, कार्यकारी निदेशक, पीएफआई का कहना है, “एक समाज तभी स्वस्थ हो सकता है जब महिलाएं स्वस्थ और सशक्त हो। औरत की मर्जी को एक अवधारणा के रूप में लोकप्रिय बनाना हमें महिलाओं की पसंद और सहमति पर एक महत्वपूर्ण बातचीत शुरू करने की अनुमति देता है। यह न केवल परिवार नियोजन तक सीमित है, बल्कि शिक्षा, काम और घरेलू फैसलों जैसे अन्य पहलुओं के बारे में भी बात करती है।

A TV show gives an empowering call for women’s choice through ‘Aurat Ki Marzi’ (1)

शो ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एक पहल है जो परिवार नियोजन और महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दों पर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और व्यवहार को बदलने के लिए है. टेलीविजन कार्यक्रम के अलावा, इस शो में एक इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम, सामुदायिक रेडियो, डिजिटल मीडिया और ऑन-ग्राउंड आउटरीच विस्तार भी शामिल हैं.

A TV show gives an empowering call for women’s choice through ‘Aurat Ki Marzi’ (1)

मैं कुछ भी कर सकती हूं एक युवा डॉक्टर डॉ. स्नेहा माथुर की प्रेरक यात्रा के आसपास घूमती है, जो मुंबई में अपने आकर्षक कैरियर को छोड़ कर अपने गांव में काम करने का फैसला करती है. यह शो राष्ट्रीय प्रसारकदूरदर्शनके प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है, जिसे 13 भारतीय भाषाओं में कई रिपीट टेलीकास्टऔर किया गया. इसे देश के 216 ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों पर प्रसारित किया गया. शो के तीसरे सीज़न का निर्माण आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के समर्थन से किया गया है.

AddThis Website Tools
Exit mobile version