मुंबई। लगभग दो दर्जन से अधिक फिल्मों में अपनी अदाकारी कब जलवे बिखेर चुके सुपर स्टार राकेश मिश्रा अब बड़े पर्दे पर वास्तविक घटनाओं पर आधारित कहानियों के किरदार को जीना चाहते हैं। एक कलाकार के रूप में उनकी ख्वाहिश है कि वे अपनी लाइफ में प्रकाश झा की अपहरण जैसे कोई फ़िल्म करें। उन्होंने ये बातें अपनी फिल्म अपनी फिल्म ‘परदेसी’ की शूटिंग पूरी होने पर कही। उन्होंने कहा कि भोजपुरी सिनेमा लगातार ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है और यहां स्क्रिप्ट से लेकर मेकिंग तक में सार्थक बदलाव आए हैं। ऐसे में मेरी ख्वाहिश है कि मैं कोई ऐसी फिल्में भी करूँ, जो मनोरंजन के साथ समाज के हित में भी हो। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों ऐसी स्क्रिप्ट मेरे पास होगी।
आपको बता दें कि फ़िल्म ‘परदेसी’ के निर्माता – निर्देशक वीरेंद्र पासवान है, जिन्होंने एक बेहतरीन सामाजिक और पारिवारिक फ़िल्म का निर्माण किया है। इसमें राकेश लीड रोल में नज़र आने वाले हैं। फ़िल्म की शूटिंग इलाहाबाद, यूपी के बादशाहपुर में हुई है। फ़िल्म में उनके अपोजिट दो फ्रेश चेहरे नज़र आने वाले हैं। वैसे इस फ़िल्म से राकेश मिश्रा को बेहद उम्मीदें हैं। वे कहते हैं कि फ़िल्म ‘परदेसी’ एक गाँव की कहानी है, जिसमें दर्शकों को इमोशनल होने का भरपूर मौका मिलेगा। फ़िल्म की कहानी लोगों को खुद से इमोशनली अपनी ओर आकर्षित करने वाली है। अभी शूटिंग पूरी हुई है, जल्द यह पोस्ट प्रोडक्शन को जाएगी। उसके बाद फ़िल्म जल्द ही रिलीज होगी।
फ़िल्म के पीआरओ संजय भूषण पटियाला ने बताया कि राकेश मिश्रा जितने बेहतरीन कलाकार हैं, उतने ही भोजपुरी की तरक्की को लेकर मुखर भी हैं। तभी तो उनके अंदर ये टीस है कि आज जब पूरी दुनिया भोजपुरी को गोद ले रही है, तब भी यह अपनी ही माटी में उपेक्षित है। उनका कहना है कि इसके लिए राज्य की सरकारें दोषी हैं, जिनके कला संस्कृति विभाग को कला की चीजों से कोई मतलब ही नही हैं। बिहार सरकार को यूपी और झारखंड से सीखना चाहिए। वहां फिल्मों और कला को जिस तरह प्रमोट किया जा रहा है, उससे कला और रोजगार के अवसर भी वहां बढ़े हैं। राकेश मानते हैं कि इसके लिए सरकार के साथ कलाकरों का साझा डायलॉग होना चाहिए, लेकिन बिहार सरकार को इसमें कोई रुचि नहीं है।
बहरहाल, राकेश मिश्रा जल्द ही अपनी नई फिल्म की शूटिंग में लग जायेगें। वहीं उनकी कई फ़िल्म बॉक्स ऑफिस रिलीज को भी तैयार हैं, जिनमें वे अलग – अलग किरदार में नज़र आने वाले हैं। राकेश भोजपुरी के उन अभिनेताओं में से आते हैं, जो कठिन परिश्रम और समर्पण के दम पर आज लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। वे भोजपुरी को जीने वाले कलाकार हैं, यही वजह है कि भोजपुरी विकास को लेकर कभी – कभी वे चिंतित भी नज़र आते हैं। तभी वे कहते हैं कि अब भोजपुरी को उस स्थान पर पहुँचने की जरूरत है, जहां से हमारी इंडस्ट्री के हिस्से भी नेशनल अवार्ड जैसे सम्मान आये। इसके लिए हमारे निर्माता – निर्देशकों को थोड़ा रिस्क लेना होगा।