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फिल्म समीक्षा : दमदार क्लाईमेक्स के साथ संवेदनाओं को झकझोर देने वाली शानदार भोजपुरी फिल्म है “रंग दे बसंती”

एसआरके म्यूजिक प्रस्तुत ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव, रति पांडेय और डायना खान स्टारर भोजपुरी फिल्म “रंग दे बसंती” आज से देश भर के 250 से अधिक सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, जहाँ इस फिल्म को दर्शकों का खूब अटेंशन भी मिल रहा है. फिल्म मल्टीप्लेक्स, पीवीआर और सिंगल थियेटर में भी हाउसफुल रही. आखिर इस फिल्म में क्या खास है और दर्शकों को क्या कुछ नया देखने को मिल रहा है, आईये जानते हैं.

कहानी:
निर्माता रौशन सिंह, सह निर्माता शर्मिला आर सिंह और निर्देशक प्रेमांशु सिंह की फिल्म “रंग दे बसंती” एक प्रभावशाली भोजपुरी फिल्म है जो देश प्रेम, परिवार और संघर्ष की कहानी को बहुत ही बारीकी से चित्रित करती है. फिल्म की कहानी तीन पीढ़ियों के बीच है, जो देश प्रेम को अपने पारिवारिक और भावनात्मक रिश्ते से उपर लेकर चलती है. प्रेमांशु सिंह ने इस फिल्म की कहानी को बारीकी से कुछ इस कदर पिरोया है, दर्शकों को भरोसा ही नहीं हो पा रहा है कि भोजपुरी में भी ऐसी फ़िल्में बन सकती है. फिल्म का दमदार क्लाईमेक्स मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला है, जो इस फिल्म को ना सिर्फ भोजपुरी बल्कि हिंदी की देशभक्ति पर आधारित बनी फिल्म से अलग बनाती है.

अभिनय:
फिल्म में खेसारीलाल यादव ने अपने अभिनय से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया है, उनकी अभिनय की विविधता और उनके किरदार की गहराई ने फिल्म को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है. वहीं, टीवी की दुनिया की जानीमानी अदाकारा रति पांडेय भी इस फिल्म की मजबूत कड़ी हैं, जिनकी यह पहली फिल्म है. मगर उन्होंने रति पांडेय के स्वैग को अपने एक्टिंग में जारी रखा है, तो बॉलीवुड अभिनेत्री डायना खान ने भी अपनी इस पहली फिल्म में दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है. दोनों ने अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है और अपनी अदाकारी से प्रभावित किया है. इसके अलावा राज प्रेमी, आमिर सरवर, अमित तिवारी, समर्थ चतुर्वेदी, प्रकाश जैश, ज्योति कलश, संजय महानंद जैसे कलाकारों ने इस फिल्म में अपनी अदाकारी से और भी ख़ास बना दिया है.

संगीत:
पहली बार भोजपुरी की किसी फिल्म में दलेर मेहंदी, कैलाश खेर और ऋचा शर्मा जैसे कलाकारों की आवाज सुनाई दी है, जो फिल्म के गानों को मधुर बनाती है. गानों में भोजपुरी सिनेमा की मिठास और समकालीनता का बेहतरीन संगम देखने को मिलता है. गाने कहानी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और दर्शकों को बांधे रखते हैं. इस फिल्म के संगीतकार ओम झा और कृष्णा बेदर्दीह हैं, जबकि गीतकार प्यारे लाल यादव, अरबिंद तिवारी, राकेश निराला, डॉ. कृष्णा एन शर्मा, कृष्णा बेदर्दी, सत्या सावरकर हैं. फिल्म के संगीत में खेसरी लाल यादव, कल्पना, इंदु सोनाली, प्रियंका सिंह, जितेश शंकर, संध्या सरगम, अंकिता मिश्रा परब की आवाज कर्णप्रिय है और भोजपुरी टच देती मालूम पड़ती है.

निर्देशन
निर्देशक प्रेमांशु सिंह ने “रंग दे बसंती” को एक अनोखे और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया है. उन्होंने इस फिल्म से एक बार फिर से साबित कर दिया कि कैमरे की रियल से रियल लाइफ झांक कर एक आभासी दुनिया को दर्शकों के समक्ष कैसे प्रस्तुत किया जाता है. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और उनके निर्देशन ने कहानी को और भी जीवंत बना दिया है. फिल्म में उनके द्वारा एक सार्थक संदेश को सरलता और संवेदनशीलता से पेश किया गया है, जो फिल्म की मजबूत कड़ी में से एक है.

निष्कर्ष:
“रंग दे बसंती” एक मनोरंजक और विचारोत्तेजक फिल्म है जो भोजपुरी सिनेमा में एक नया मानदंड स्थापित करती है. खेसारीलाल यादव, रति पांडेय और डायना खान की बेहतरीन अदाकारी, प्रभावी संगीत और मजबूत निर्देशन ने इसे एक अविस्मरणीय फिल्म बना दिया है. यह फिल्म दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक संदेश भी देती है. भले इस फिल्म को शुरुआती दौर से विवादों से गुजरना पड़ा है, लेकिन थियेटर में फिल्म दर्शकों को पसंद आ रही है. यह फिल्म 5 में से 4 स्टार डिजर्व करती है, वो भी उस दौर में जब भोजपुरी फिल्मों के लिए थियेटर मिलना मुश्किल हो रहा है. वहां इस फिल्म ने ऐतिहासिक रिलीज के जरिये रिकॉर्ड कायम कर दिया है.

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