अभिनेता उमेश घाडगे, जो इस समय “एडवोकेट अंजलि अवस्थी (AAA)” में नज़र आ रहे हैं, दीवाली के लिये काफ़ी उत्साहित हैं। लेकिन इस बार काम की व्यस्तता के चलते वे अपने परिवार के साथ यह त्यौहार नहीं मना पाएंगे।
उन्होंने कहा, “दीवाली हमेशा से मेरे लिए सबसे बड़ा त्योहार रही है और रहेगी। बचपन से ही मुझे दीवाली मनाने का उत्साह अपने जन्मदिन से भी अधिक होता है। घर सजाना, कंदील टांगना, बालकनी में लाइट्स लगाना, घर के बाहर रंगोली बनाना और हर जगह दीये जलाना मुझे बहुत खुशी देता है। इसका माहौल ही अलग होता है, और यह सकारात्मकता मेरे मन को खुश और रोशन कर देती है।”
“हलाकी इस साल मैं काम की वजह से कोलकाता में हूं और दीवाली के दौरान भी शूटिंग कर रहा हूँ। अगर किस्मत अच्छी रही तो शायद एक दिन की छुट्टी मिल जाए, लेकिन इससे ज़्यादा नहीं, इसलिए परिवार के साथ घर पर दिवाली मनाना मुश्किल लग रहा है। मुझे इस बार अपनी माँ के हाथ की घर पर बनी मिठाइयाँ बहुत याद आएंगी,” उन्होंने कहा।
उमेश ने पटाखे जलाने के खिलाफ भी बात की और कहा कि पटाखे शोर और वायु प्रदूषण का बड़ा कारण हैं, जो सभी के लिए बेहद हानिकारक है। उन्होंने कहा, “पटाखे फोड़ने के बाद का प्रभाव दीवाली के बाद कई दिनों तक रहता है।”
उन्हें खासकर त्यौहारों पर पारंपरिक कपड़े पहनना पसंद है। उन्होंने कहा, “इसकी अलग ही एक खूबसूरती है। मुझे पारंपरिक कपड़ों में अधिक आराम महसूस होता है। अभिनय में आने से पहले, मैं इन्हें केवल खास मौकों पर ही पहनता था। लेकिन अब एक अभिनेता के रूप में, मुझे पारंपरिक कपड़े अक्सर पहनने का मौका मिलता है, और मुझे यह बहुत पसंद है।”
उन्हें मिठाइयाँ और नमकीन खाने का भी बहुत शौक है। उन्होंने कहा, “मुझे काजू कतली और बेसन के लड्डू पसंद हैं, लेकिन करंजी, जो एक महाराष्ट्रीयन मिठाई है, दीवाली के दौरान मेरी सबसे पसंदीदा होती है।”
और उपहारों के बारे में क्या? “अधिकतर तो दोस्तों के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है, लेकिन परिवार में मैं हमेशा कुछ ऐसा उपहार देने की कोशिश करता हूँ जो उपयोगी हो या फिर उनकी विशलिस्ट में हो, ताकि उन्हें सरप्राइज दे सकूं,” ।