हमे इस बात का पूर्ण एहसास है कि हम लता जी के रूप में सरस्वती को देखा। लखनऊ, 6 फरवरी, 2022, अखियों की झरोखों से…, मेरी आवाज़ ही पहचान है…,ऐ मेरे वतन के लोगों… ऐसे तमाम गीतों को अपनी आवाज़ से सजाया लता जी ने। भारतीय संगीत के आज एक युग समाप्त हो गया।रविवार को इस युग की समाप्ति पूरे विश्व की प्रिय गायिका , सुर साम्राज्ञी भारत रत्न , स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से हुआ। 92 वर्ष की अवस्था मे उनके निधन से पूरे विश्व मे एक शोक की लहर दौड़ गई है। साथ ही उन्होंने हज़ारों की संख्या में गाये गए गीतों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है। जो कालजई कृतियों के रूप में दुनियां में रहेगी। लखनऊ के चित्रकारों ने भी अपनी ब्रश और कूँची के माध्यम से लता जी को श्रद्धांजलि अर्पित किये। लता मंगेशकर के पोर्ट्रेट बनाने वाले चित्रकार भूपेंद्र कुमार अस्थाना और अश्वनी कुमार प्रजापति ने कहा कि लता मंगेशकर एक सच्ची कलाकार रहीं। उन्होंने देश दुनियां के लोगों के दिलों में अपनी संगीत के माध्यम से राज़ किया है। और हमेशा सबके दिलों में रहेंगी। भूपेंद्र ने बताया कि वैसे तो उनकी गाये गए सभी गीत एक एक मोती के रूप में हैं। उनकी एक गीत “ए मेरे वतन के लोगों…” गीत को बचपन से सुनता रहा हूँ। जो मेरा आजभी प्रिय है। जो देश के वीरों को सादर नमन करने और हृदय को झकझोरने वाली गीत है। लखनऊ से युवा चित्रकार अश्वनी प्रजापति ने बताया कि आगामी रविवार को लता मंगेशकर को प्रदेश के चित्रकारों की तरफ से उनके एक विशाल पोर्ट्रेट बना कर श्रद्धांजलि दी जाएगी। सप्रेम संस्थान, रूपकृति- ओपन आर्ट स्पेस और अस्थाना आर्ट फोरम की तरफ से भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।