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१ भाई और ४ बहनों में सबसे बड़ी थीं लता मंगेशकर

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पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर मशहूर संगीतकार थे
भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज निधन

मुंबई, ९२ वर्षीय लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया था| कई डॉक्टरों की देखरेख में उनका उपचार किया जा रहा था| एक बार फिर आज उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिप्ट किया गया, लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका| जिंदगी और मौत की जंग में अंतोगत्वा स्वर कोकिला लता मंगेशकर को मौत ने गले लगा लिया| उनके इस निधन से देश और समूचे विश्व में उनके करोड़ों प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गयी|

वैसे तो भारत रत्न से सम्मानित स्वर्गीय लता मंगेशकर का पूरा विश्व ही उनका परिवार था| लता मंगेशकर तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थीं| इनके क़दमों पर चलकर ही लता की बहनों व भाई ने संगीत की दुनिया में अपना दायरा बढ़ाया| देश मशहूर पार्श्व गायिका लता मंगेशकर अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान थी| इनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर मशहूर संगीतकार थे| इनकी माता का नाम शिवंती मंगेशकर है| शिवंती एक गृहणी महिला थी| उनको गाने का शौक नहीं था| ८४ वर्ष के हृदयनाथ मंगेशकर लता, मीना, आशा और उषा के सबसे छोटे और लाडले भाई हैं| इन्होंने भी संगीत की दुनियां में कदम रखा और संगीत निर्देशक के रूप में फिल्म जगत में खुद का लोहा मनवाया|

सीमा से परे लताजी की गायिकी
वर्ष १९४२ से गायन की शुरुआत करने वाली लता मंगेशकर ७० वर्षों से अधिक तक हिंदी सिनेमा गायन के शीर्ष पर बनी रही| और इसके कोई शक नहीं कि उनके नहीं रहने के बावजूद उनकी आवाज पार्श्वगायन के शीर्ष पर बनी रहेगी| बाल अभिनेताओ के लिए उनकी आवाज सबसे बेहतर मानी जाती थी| उन्होंने भजन भी गाए तो कैबरे नंबर गाने में भी संकोच नहीं किया| हिंदी सिनेमा के नायिकाओं की प्रतिष्ठित आवाज बनी रहीं| लताजी की यह सफलता ही है कि वे अपने व्यक्तित्व के बजाय कृतित्व के माध्यम से याद आती रहेगी| फिल्मों में पार्श्व गायन का लता जी सफर वर्ष १९४२ में शुरू किया| स्वर कोकिला लता जी के गीतों को किसी सूची में समेटना आसान तो नहीं, असंभव ही है| उनका हर गीत किसी न किसी रूप में विशिष्ट है|

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