नई दिल्ली. टीवी इंडस्ट्री की फेमस एक्ट्रेसेस में से एक लता सभरवाल (Lataa Saberwal) फेमस सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में हिना खान (Hina Khan) की ऑनस्क्रीन मां की भूमिका निभाने के लिए जानी जाती हैं. वह कई अन्य टीवी सीरियल्स में काम कर चुकी हैं. साथ ही ‘विवाह’ और ‘इश्क विश्क’ जैसी फिल्मों में नजर आई हैं. इन दिनों वह टीवी से दूर हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर वह स्किन और हेल्थ से जुड़े व्लॉग शेयर करती रहती हैं. इस बीच हाल ही में, एक्ट्रेस ने खुलासा किया है कि, उन्होंने 43 या 44 साल की उम्र में फेस सर्जरी कराई थी.
लता सभरवाल ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक व्लॉग शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपनी बोटोक्स स्टोरी शेयर की है. उन्होंने कहा, “मैं जब 43 या 44 साल की हुईं तब मेरी आंखों के नीचे काफी लाइंस आने लगी थीं. बाकी कहीं कुछ नहीं हुआ था. हेल्थी खाती हूं और एक्सरसाइज करती हूं तो बाकी सब ठीक था, बस आंखों के नीचे लाइंस आ गई थीं. जब भी मैं तैयार होती थी तो मुझे वो देखकर अजीब सा लगता था. मुझे लगा कि, एज के साथ ऐसा सब कुछ होगा तो मुझे इसे स्वीकार करना चाहिए.”
फेस सर्जरी पर बोलीं लता सभरवाल
लता ने शेयर किया कि, वह अपनी अंडर आईज लाइंस से परेशान थीं, तब उन्हें सर्जरी का आइडिया आया, उन्होंने कहा, “मैंने अपनी सबसे करीबी दोस्तों से बात की कि, अन्य एक्ट्रेसेस अपने चेहरे पर कुछ कराती रहती हैं. मुझे उनकी बातों से संतुष्टि नहीं हुई थी तो मैं अपनी डॉक्टर से मिलने गई. तो उन्होंने मुझे बहुत कन्विंस किया कि, सभी कराते हैं और ये बहुत नॉर्मल है. मैं उस वक्त घर आ गई और मेरे दिमाग में बस यही सब चल रहा था. मैं जब दोबारा उनके पास गई तो उन्होंने मुझे बताया कि, बोटोक्स कराने से आपको नशा हो जाता है. आपको बार-बार इसे कराने का मन करता है. हालांकि, इसका असर सिर्फ 6 महीने तक रहता है.”
बोटोक्स कराने के बाद हुईं परेशान
लता ने आगे बताया, “मैं परेशान हो गई थी, क्योंकि मैं शोबिज में काम करती थी और ऐसे में सुंदर दिखना जरूरी थी. उन्होंने मेरी दोनों आंखों के पास एक-एक इंजेक्शन दिया. बोटोक्स कराने के बाद मुझे अपनी स्किन अच्छी तो बहुत लग रही थी, लेकिन धीरे-धीरे यही मुझे परेशान करने लगी. जितना मेरी लाइंस ने मुझे परेशान नहीं किया, उतना मैं ये आर्टिफिशियल चीज कराकर दुखी हो रही थी. मुझे ये प्रेशर जैसा महसूस होने लगा. मुझे अच्छी फीलिंग्स नहीं आ रही थी. बाद में मुझे एहसास हुआ कि, मैं जैसी हूं मुझे खुद को एक्सेप्ट करना चाहिए.”