सुप्रसिद्ध कवि अजय साहब द्वारा लिखित सोलफुल सॉन्ग “लफ़्ज़ भीगे हैं” को प्रतिभा सिंह बघेल ने अपनी मनमोहक आवाज़ दी है । सुफिस्कोर की इस मंत्रमुग्ध कर देने वाली रिलीज में पांच आधुनिक लेकिन शास्त्रीय रूप से निहित ग़ज़ल गीतों का संग्रह है, जिसका प्रत्येक गाना पॉवर ऑफ इमोशन को एक ट्रिब्यूट है।
इस रचना का मूल उस एकतरफा प्यार की कहानी से लिया गया है जो साहित्यिक दिग्गज अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी के जीवन से जुड़ा हुआ था। एक कहानी जो समय और सीमाओं से परे है, यह प्रेम, अलगाव और सार्वभौमिक मानवीय भावनाओं की कहानी है।
निर्देशक पाराशेर बरुआ की कलात्मकता ने इस वीडियो में में चार चांद लगा दिए हैं इस गाने के म्यूजिक वीडियो में अभिनेता प्राची देसाई और सोम चट्टोपाध्याय नज़र आ रहे हैं। इस गाने को पांडिचेरी और मुंबई के बैकड्रॉप में शूट किया गया है। वीडियो समकालीन कहानी कहने के साथ क्लासिक रोमांस को भी दर्शाता है और भारतीय सिनेमा के सुनहरे युग की फिर से कल्पना करता है।
संगीतकार राजेश सिंह की धुनें, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के “शाम के रागों” से प्रेरित होकर, उदासी भरी सुंदरता से गूंजती हैं। जटिल लय और सामंजस्यपूर्ण तार प्रत्येक नोट के भीतर गहरी भावनाओं को रेखांकित किया गया है। रचनाएँ ग़ज़लों में चित्रित दर्द और स्वीकृति के नाजुक संतुलन को दर्शाते हुए, पारंपरिक और पश्चिमी प्रभावों को कलात्मक रूप से जोड़ती हैं।
निर्माता पारस नाथ की उत्कृष्ट व्यवस्थाएं सिंह की रचनाओं में जान डालती हैं , जिसमें सेलो, ध्वनिक गिटार, वायलिन, वायोला, कीबोर्ड, हिंदुस्तानी बांसुरी, सरोद और सारंगी जैसे विविध वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल किया गया है ।
“लफ़्ज़ भीगे हैं” महज़ एक एल्बम नहीं, बल्कि एक जर्नी है। यह एक सामूहिक प्रयास है यह रिलीज़ प्रेम और कलात्मकता की शाश्वत शक्ति के प्रमाण के रूप में खड़ी है, जो इसकी सुंदरता में डूबे सभी लोगों के लिए एक मनोरम अनुभव प्रस्तुत करती है।