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खेल और ब्रांड गुरु शैलेंद्र सिंह वन इंडिया, माय इंडिया रैली से देश में कर रहे शांति, प्रेम और एकता का प्रसार

मुंबई। देश में शांति, प्रेम और एकता के संदेश को जन–जन तक पहुंचाने का काम मशहूर खेल और ब्रांड गुरु शैलेंद्र सिंह अपनी अभूतपूर्व वन इंडिया, माय इंडिया रैली के जरिये कर रहे हैं। 2 अक्टूबर को कन्याकुमारी से हुई शुरू इस रैली का उद्देश्य अपने एंथेम फार गुड के माध्यम से राष्ट्र में शांति, प्रेम और एकता का प्रसार करना है।

Shailendra Singh

यह रैली सड़क मार्ग से देश के 15 शहरों से होते हुए कश्मीर तक पहुँचेगी और अपने मकसद को सामने रखते हुए संगीत के माध्यम से लोगों को एक साथ लाएगी।

इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, एक भारत- मेरा भारत रैली ने कन्याकुमारी, कोच्चि, कोयम्बटूर, बैंगलोर और हम्पी से होकर गुजर चुकी है और अपने शहरों में बदलाव लाने के लिए काम करने वाले लोगों से मिलकर उनको प्रेरित कर रही है। भारत के दक्षिणतम सिरे से शुरू हुई इस रैली को कन्यकुमारी के जवानों, सेना और पुलिस अधिकारियों के एक समूह ने झंडा दिखाकर रवाना किया।

ये जवान जब ड्यूटी पर नहीं होते हैं, वे कन्याकुमारी में सामुदायिक सेवा में संलग्न होकर देश की सेवा करते हैं। सामाजिक कल्याण के प्रतिनिधि के तौर पर वे शहर में पेड़ लगाते हैं, सफाई अभियान चलाते हैं और शहर के लोगों की मदद करते हैं। पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से शैलेंद्र सिंह ने इनमें से 40 से अधिक नायकों के साथ उनके एक्शन प्लान के तहत बहुत से पौधे लगाए।

कन्याकुमारी के जवानों का समर्थन मिलने के बाद वन इंडिया, माय इंडिया रैली कोच्चि पहुँची, जहाँ शैलेंद्र सिंह ने उस शख्स से मुलाकात की जिन्होंने 2018 में केरल की विनाशकारी बाढ़ के दौरान दो दिन में 70 से अधिक लोगों की जान बचाई। पेशेवर गोताखोर और लाइसेंस प्राप्त स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षक, मेष मनमोहन ने राज्य को अपने पैरों पर वापस खड़े होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और शैलेंद्र सिंह के प्रयास के लिए प्रेरणा बनें।

अपनी वन इंडिया, माय इंडिया रैली के दौरान शैलेंद्र सिंह, एक 18 वर्षीय पशु कार्यकर्ता साई विग्नेश से मिले जो चेन्नई में जानवरों के लिए एक अभयारण्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। विभिन्न तरीकों से देश के लिए अपने जुनून को देश के लोगों के साथ साझा के अनुभव के अलावा साई विस्मय पड़ गए थे जब शैलेंद्र ने चेन्नई में उनके अभयारण्य का निर्माण में मदद करने के लिए एक अज्ञात राशि दान करने का फैसला किया। इस कदम से अभयारण्य के लिए साई की क्राउड-फंडिंग के प्रयासों में मदद मिलेगी।

आगे शैलेन्द्र सिंह ने बैंगलोर और देश भर में मूर्त परिवर्तन लाने वाले दो डॉक्टरों से मुलाकात की। डॉ. सुनील कुमार हेब्बी अपने मोबाइल कार क्लिनिक के साथ ‘हेल्थ ऑन व्हील्स’ उपलब्ध कराकर लोगों का जीवन बदल रहे हैं। भारतीयों के स्वास्थ्य के अधिकार के प्रतिनिधि के रूप में सिंह के साथ बैठक में उन्होंने देश के प्रति अपने मिशन को दोहराया।

शैलेंद्र भारतीय चिकित्सक और कार्डियोलॉजिस्ट, डा. बी रमना राव से भी मिले जो बैंगलोर में दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त स्वास्थ्य क्लिनिक चलाते हैं। पद्मश्री पुरस्कार विजेता डा. राव पिछले 36 वर्षों से ग्रामीण लोगों को मुफ्त में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा रहे हैं और उन्होंने 2 मिलियन से अधिक भारतीयों का उपचार किया है।

हम्पी में शैलेंद्र सिंह हैदराबाद के शिवा से मिले, जिन्होंने 100 से ज्यादा लोगों को आत्महत्या करने से बचाया है। उनकी संस्था, “स्वर्ग सेवा संस्थान” झील में पाए गए। अज्ञात शवों की ज़िम्मेदारी लेती है और उनका अंतिम संस्कार करती है।

वह बेघर भिखारियों के लिए इलाज और दवाओं की व्यवस्था में भी मदद करते हैं। झील पुलिस के साथ काम करने के अलावा शिवा को राज्य से भी कुछ मदद और मान्यता हासिल है।

इसके अलावा वे घरेलू सीवेज, औद्योगिक अपशिष्टों और जहरीले कचरे को बार-बार झील में गिराने का विरोध करते हैं। सिंह ने शिवा के प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।

वन इंडिया, माय इंडिया रैली स्थानीय समूहों और शिवा, डा. हेब्बी, साई विग्नेश, मेष मनोहरन और कन्याकुमारी के जवानों के काम को उजागर करना जारी रखेगी। हमारा मानना है कि भारत आज जैसा है वह इन जैसे लोगों और उनके निस्वार्थ योगदान की वजह से ही रैली के कश्मीर पहुँचकर समापन होने तक अगले आठ शहरों के अनुभव को ट्रैक करने के लिए सोशल मीडिया पर बने रहें।

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