मुंबई: प्रतिष्ठित फिल्म निर्माण कंपनी LAZY PIXEL MOTION PICTURE ने हाल ही में अपनी आगामी PAN India theatrical release फिल्म BHASMAM की भव्य घोषणा इसी साल 4 नवम्बर 2024 को पोस्टर लॉन्च करके किया । इस फिल्म का निर्देशन श्रीनु बाबू पटलना कर रहे हैं और यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक अघोरी बाबा की रहस्यमय और गूढ़ यात्रा जो सामाजिक समरसता और समाजिक कुरीतियों के बीच अध्यात्म का मर्म समझाती हैं।
BHASMAM एक अनकही कहानी जिसकी पटकथा राजेश पांडे ने लिखी हैं ,जो अनगिनत सालों की खोज एक अघोरी बाबा की जीवनी को उजागर करती है । जो इसे बेहद रोमांचक और अद्वितीय बनाती है। फिल्म की कास्टिंग मुख्य किरदारों के लिए अभी चल रही हैं । कुछ किरदारों की कास्टिंग जैसे विकास मिश्रा, हेमायत रहमान, अमित जै़क एक अहम किरदार में नजर आएंगे, जिन्होंने मुहूर्त समारोह के दौरान अपने किरदार से जुड़े महत्वपूर्ण विवरणों को साझा किया। यह फिल्म पहले से ही अपनी अनूठी कथा और दमदार कास्ट सूची के चलते दर्शकों में जबरदस्त उत्साह पैदा कर रही है।
फिल्म के निर्माताओं रामचन्द्र कुशवाहा और अमित जैक का मानना है कि भारत में पौराणिक और रहस्यमयी कथाओं की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए BHASMAM एक व्यापक दर्शक वर्ग को आकर्षित करने में सक्षम होगी। फिल्म BHASMAM को भारतीय 1500 सिनेमाघरों में रिलीज करने के साथ साथ ओवरसीज मार्केट में भी किया जाएगा। निर्माता इसे एक विशेष सिनेमाई अनुभव बनाने का वादा करते है।
BHASMAM की रिलीज़ दिवाली 2025 में निर्धारित की गई है, जो भारतीय सिनेमा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस त्योहार के समय दर्शकों की सिनेमाघरों में उपस्थिति सबसे अधिक होती है।
LAZY PIXEL MOTION PICTURE की यह घोषणा और फिल्म निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता यह साबित करती है कि यह कंपनी अपने अनूठे कंटेंट के जरिए वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
BHASMAM की शूटिंग काशी घाट (वाराणसी) और उत्तराखंड में की जाएगी। इन स्थानों की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए, फिल्म के दृश्य इन खूबसूरत और आध्यात्मिक जगहों पर फिल्माए जाएंगे।
इस फिल्म के जरिए न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को उजागर किया जाएगा , बल्कि यह दर्शकों को अपनी जड़ों और परंपराओं के प्रति जागरूक करने का भी काम करेगी। काशी घाट और उत्तराखंड जैसी पवित्र जगहों पर फिल्माए गए दृश्य फिल्म की गहराई और महत्व को बढ़ाते हैं, और यह लोगों को आध्यात्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक धरोहर की ओर आकर्षित करती है। इस फिल्म का संदेश दर्शकों को उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगी।
जी हां, “भस्मम्” के निर्माता इस फिल्म को बनाने के लिए बेहद उत्साहित और प्रेरित हैं। उनके लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक गहरी भावना और उद्देश्य का हिस्सा है। निर्माता ने इस फिल्म को लेकर एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखा है, जो न सिर्फ दर्शकों तक एक मजबूत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संदेश पहुंचाने की कोशिश करता है, बल्कि भारत की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी सम्मानित करती हैं। उद्देश्य इन स्थानों की साथ ही, इस फिल्म के निर्माता यह मानते हैं कि “भस्मम्” सिर्फ एक मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक बदलाव का जरिया हो सकती है। वह चाहते हैं कि यह फिल्म समाज को जागरूक करे, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति संवेदनशील बनाए। निर्माता ने इस फिल्म को लेकर काफी मेहनत की है और उनका मानना है कि फिल्म के माध्यम से एक सकारात्मक संदेश लोगों तक पहुंचेगा, जो न सिर्फ उन्हें प्रेरित करेगा, बल्कि उनकी सोच और जीवनशैली में भी बदलाव ला सकता है।