देश में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिनके जख्म आज तक भरे नहीं हैं। साल 1984 की वो घटना जिसे आज भी लोग याद करके सहम जाते हैं। यह साल सिखों के लिए ज़ुल्म, अत्याचार और बर्बादी का साल कहा जाता है। लाखों सिखों ने वो दर्द झेला जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। सिख समुदाय से सम्बंध रखने वाले निर्माता और निर्देशक विक्रम संधू उसी दर्द को अब बड़े पर्दे पर प्रस्तुत करने जा रहे हैं। उनकी फिल्म ‘सरकारी कत्ल ए आम’ में 1984 में हुए दंगों को दिखाया गया है।
इस फिल्म के बारे में विक्रम संधू का कहना है कि “84 के दंगों की बात सुनकर आज भी मेरे रौंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं भी सिख समुदाय से हूँ और मेरे पूर्वजो ने भी उस दर्द को झेला है। मैंने बहुत पहले सोच लिया था कि इस सच्चाई को मैं पर्दे पर एक दिन दिखाऊंगा। आज मैंने हिम्मत और हौसला करके इसकी शुरुआत कर दी है। इस फिल्म में सिर्फ सच्चाई दिखाई गई है। सिख समुदाय के लिए इंसाफ तो लोग कब से मांग रहे हैं। अदालत में कई सालों से केस भी चल रहे है। हालांकि कुछ लोग इस बारे में बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते है। फिर अपने बचाव में कहते हैं कि मैं तो उस समय नौ साल का था।
उन्होंने आगे कहा कि “यह फिल्म सिर्फ दिल्ली और पंजाब तक ही सीमित नहीं है। जम्मू, गुजरात अहमदाबाद और कानपुर में जो हुआ यह उन सभी पक्षों को छूती है। फिल्म को दर्शक हिंदी भाषा में देख सकते हैं। 1984 में जो हुआ सिर्फ वही लोगों ने समझा, उसके पीछे कोई नहीं गया। इस साल हुई घटना में हमारी कौम को गलत तरीके से दिखाया गया है। ऐसे में मैं इस फिल्म के जरिए सिखों के दर्द और सच्चाई को दिखाना चाहता हूं। इसका राजनीति से किसी तरह का संबंध नहीं है।”
फ़िल्म का टीज़र उसी जगह पर लांच किया गया, जहां पर उन सिखों की याद में मेमोरियल बनाया गया है। आरजे अनुराग पाण्डेय ने इस इवेंट को होस्ट किया जबकि यहां अली असगर, दीपक कुमार, दीपराज राणा, संजय स्वराज, जान्हवी वोरा, गुलशन पाण्डेय, संजीव जोतंगिया, दिव्या लक्ष्मी, पम्मी बाई (पंजाबी ऎक्टर), हॉबी धारीवाल, राज धारीवाल और तरुण मदान (गेस्ट पंचकूला) की उपस्थिति देखी गई।