इन दिनों टीवी शो वीर हनुमान में सूर्यदेव की भूमिका निभा रहे अभिनेता मल्हार पंड्या अपनी प्रभावशाली स्क्रीन प्रेज़ेन्स और पौराणिक किरदारों से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं। पारिवारिक ड्रामा से लेकर भव्य पौराणिक गाथाओं तक के अपने करियर में उन्होंने दर्शकों का विश्वास जीता है और अब भारतीय टेलीविज़न की इस जटिल लेकिन पूजनीय दुनिया में एक भरोसेमंद चेहरा बन चुके हैं।
पौराणिक शोज़ की वापसी पर मल्हार कहते हैं, “आज के दर्शक ऐसे कंटेंट की तलाश में हैं जो हमारी संस्कृति और मूल्यों से जुड़ा हो। पौराणिक कथाएं सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जुड़ाव का भी एहसास कराती हैं, जो किसी और जॉनर में मिलना मुश्किल है।” उनके अनुसार, इन कहानियों की अपील उनके कालातीत महत्व में है—“चाहे हम कितने भी आधुनिक क्यों न हो जाएं, ये गाथाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। यही वजह है कि ये पीढ़ी दर पीढ़ी काम करती हैं।”
Also Read : टीवी स्टार Rajat Verma और Sneha Jain मलाड के फीलिया लाउंज में देखे गए! - Manoranjan Metro
हालाँकि यह जॉनर दर्शकों में लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन मल्हार इसके पीछे की कठिनाइयों को भी उजागर करते हैं। “यह रेगुलर डेली सोप या रोमांटिक ड्रामा से कहीं ज़्यादा कठिन होता है। आप सिर्फ एक किरदार नहीं निभा रहे होते, बल्कि एक ऐसे देवता या पौराणिक चरित्र को जीवंत कर रहे होते हैं जिसे लोग पूजते हैं। हर एक्सप्रेशन, हर संवाद, हर हावभाव में सच्चाई और श्रद्धा झलकनी चाहिए।”
श्रीमद रामायण और राधाकृष्ण जैसे शोज़ में अपनी भूमिका के लिए पहचाने जाने वाले मल्हार का पौराणिक किरदारों के लिए तैयारी करने का तरीका भी बेहद अनुशासित और आध्यात्मिक है। वे बताते हैं, “मैं प्राचीन ग्रंथों और पौराणिक संदर्भों का अध्ययन करता हूं। वॉइस मॉड्यूलेशन, बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भावों पर खास ध्यान देता हूं, ताकि उसमें दिव्यता झलके। यह सिर्फ अभिनय नहीं, बल्कि भक्ति है।”
वे मानसिक अनुशासन की भी आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं—“आपको अपने किरदार पर पूरा विश्वास होना चाहिए। जब मैं किसी देवता या योद्धा ऋषि की भूमिका निभाता हूं, तो शूट से पहले ध्यान करता हूं, अपने विचारों को शांत करता हूं। वह आंतरिक स्थिरता ही परफॉर्मेंस में दिखती है।”
अभिनय के साथ-साथ मल्हार फिटनेस और मार्शल आर्ट्स में भी गहरी रुचि रखते हैं—जो कि पौराणिक युद्ध दृश्यों को निभाने में बहुत मदद करती है। “भारी कॉस्ट्यूम पहनकर, तेज़ धूप में लंबे समय तक शूट करना फिज़िकल स्टैमिना मांगता है। लेकिन उससे भी ज़्यादा, यह जॉनर आपकी इमोशनल एनर्जी की परीक्षा लेता है।”
भविष्य को लेकर मल्हार आशावादी हैं—“मैं चाहता हूं कि पौराणिक शोज़ और भी बेहतर कहानियों और सिनेमैटिक ट्रीटमेंट के साथ आगे बढ़ें। यह जॉनर भी बड़े बजट वाली फिल्मों की तरह सम्मान और भव्यता का हकदार है। और बतौर एक्टर, हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इन दिव्य कथाओं को सच्चाई और आस्था के साथ जीवंत करें।